बेटियां बचाएं
अब जागो, उठो
कब तक सहोगी और उफ तक
नहीं बोलोगी,
जन्म लेने से पहले
मार दी जाओगी माँ की कोख में ,
बेटी के नाम पर,
या फिर फ़ेंक दी जाओगी
किसी निर्जन स्थान पर ,
अनाथ शिशु के रूप में,
कब तक सहोगी समाज का अत्याचार,
परिवार का तिरस्कार,
अब जागो और सबको जगाओ ,
कि तुम भी छू सकती हो
आसमान की बुलंदियों को ,
लड़ सकती हो सागर की लहरों से ,
रच सकती हो एक नया इतिहास ,
अपनी कामयाबी का,
नया सबेरा ,अब तुम्हारा ही होगा,
तो सबको सन्देश दो बेटियां बचाएं
बेटियां बचाएं ---------------------- ।
बहुत सुंदर सन्देश, सब को मिलजुल कर जिम्मेदारी निभानी होगी,
जवाब देंहटाएंha monika ji aapne sahi kaha , hamara prayatn avashy saphal hoga.
हटाएंबेहतरीन भाव पूर्ण सार्थक रचना,
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर और सार्थक संदेश .... आपकी कई रचनाएँ अभी पढ़ीं ... मेरे ब्लॉग पर आने के लिए शुक्रिया
जवाब देंहटाएंकृपया वर्ड वेरिफिकेशन हटा लें ...टिप्पणीकर्ता को सरलता होगी ...
वर्ड वेरिफिकेशन हटाने के लिए
डैशबोर्ड > सेटिंग्स > कमेंट्स > वर्ड वेरिफिकेशन को नो करें ..सेव करें ..बस हो गया .
aap sabhi ko mere blog par aane ke liye dhanywad
हटाएंbahut sundar prastuti
जवाब देंहटाएंdhanyvad
हटाएंआप के इस सार्थक अभियान में मैं भी आपके साथ हूँ . आपका ब्लॉग भी ज्वाइन कर लिया है.
जवाब देंहटाएंइस सुंदर प्रस्तुति के लिये बधाई.
इस सुंदर प्रस्तुति के लिये बधाई
जवाब देंहटाएंdhanyvad
हटाएंnice blog bua.....
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