रिश्तों की डोर होती हैं हमारी बेटियां
जो बांधती हैं सारे रिश्ते एक डोर में
और
खुद को समर्पित कर देती हैं
उसकी मजबूती के लिए
भले ही जीवन भर उसे जलना पड़े
फिर भी उफ नहीं करती हैं हमारी बेटियां.
ओस की बूंदों सी कोमल होती हैं हमारी बेटियां
जिसकी मुस्कुराहट से फूल झड़ते हैं
और
उन फूलों से महक उठता है घर
जिस घर में खिल रही होती है बेटियां .
Sach me vardan hain betiyan.... Sunder Panktiyan
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया!
जवाब देंहटाएं