चेहरे का भाव
एक मधुर स्पंदन
तृप्त हुआ व्याकुल मन
तुम्हें गोद में लेकर
मैं भूल चुकी सारे बंधन
ममत्व की छाँव में
सर्वोतम सुख पाने की
जो ख़ुशी है मुझमे
हाँ तुम्ही पढ़ सकती हो
मेरे चेहरे का भाव
महसूस कर सकती हो
कि मैं तेरी जननी हूँ
क्योंकि एक दिन होगा
यही भाव तेरे चेहरे का ।
इससे बढकर कुछ नहीं
जवाब देंहटाएंममत्व सबको खुशी और सकूंन देता है,,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST LINK...: खता,,,
is khushi ke samne kuch nahi hai.......
जवाब देंहटाएंभावमय करते शब्दों का संगम
जवाब देंहटाएंएक मधुर स्पंदन
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